नमस्कार दोस्तों, भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए ट्रेन टिकट बुकिंग सिस्टम में कई बड़े बदलाव किए हैं। रेल मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ये नए नियम 1 जुलाई 2025 से लागू होंगे और इनका सीधा असर यात्रियों की जेब पर पड़ेगा। इन बदलावों का उद्देश्य एजेंटों की धांधली रोकना, वेटिंग लिस्ट की समस्या कम करना और टिकट बुकिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी व सुविधाजनक बनाना है। अगर आप नियमित रूप से ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो इन बदलावों को समझना आपके लिए बेहद जरूरी है।
सबसे पहले, वेटिंग टिकट के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब वेटिंग टिकट केवल जनरल कोच में ही मान्य होंगे। पहले वेटिंग टिकट वाले यात्री स्लीपर या एसी कोच में यात्रा कर लेते थे, जिससे रिजर्व्ड सीट वाले यात्रियों को परेशानी होती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि किसी के पास स्लीपर या एसी कोच का वेटिंग टिकट है, तो उसे उस कोच में यात्रा करने की अनुमति नहीं मिलेगी। इससे ट्रेन में अनावश्यक भीड़ कम होगी और रिजर्वेशन वाले यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
दूसरा बड़ा बदलाव टिकट बुकिंग की अवधि को लेकर किया गया है। पहले यात्री 120 दिन पहले तक ट्रेन टिकट बुक कर सकते थे, लेकिन अब इस अवधि को घटाकर 60 दिन कर दिया गया है। यानी अब आप अपनी यात्रा की तारीख से केवल दो महीने पहले ही टिकट बुक कर पाएंगे। इसका उद्देश्य टिकटों की कालाबाजारी रोकना और वास्तविक यात्रियों को टिकट उपलब्ध कराना है। हालांकि, इससे उन यात्रियों को थोड़ी परेशानी हो सकती है, जो लंबी अवधि के लिए यात्रा की प्लानिंग करते हैं।
तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में भी कई बदलाव किए गए हैं। अब तत्काल टिकट बुक करने के लिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा, तत्काल टिकट पर डायनामिक प्राइसिंग लागू की गई है, यानी टिकट की कीमत मांग के आधार पर बढ़ या घट सकती है। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अगर तत्काल टिकट कंफर्म हो जाता है, तो उस पर रिफंड नहीं मिलेगा। साथ ही, तत्काल टिकट बुकिंग शुरू होने के पहले 30 मिनट तक एजेंट बुकिंग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी, ताकि आम यात्रियों को पहले अवसर मिल सके।
टिकट शुल्क और रिफंड नीति में भी बदलाव किए गए हैं। रेलवे ने रिजर्वेशन, सुपरफास्ट और तत्काल टिकट के शुल्क में वृद्धि की है, जिससे टिकट की कीमतें थोड़ी बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, कैंसिलेशन चार्ज भी बढ़ा दिए गए हैं। जैसा कि पहले बताया गया, कंफर्म तत्काल टिकट पर अब कोई रिफंड नहीं मिलेगा, जिससे यात्रियों को सावधानीपूर्वक टिकट बुक करने की आवश्यकता होगी।
पहचान पत्र और एजेंट बुकिंग के नियमों में भी संशोधन किया गया है। अब टिकट बुकिंग और यात्रा के दौरान एक ही आईडी प्रूफ दिखाना अनिवार्य होगा। पहले यात्री बुकिंग के समय एक आईडी और यात्रा के समय दूसरी आईडी दिखा सकते थे, लेकिन अब यह सुविधा समाप्त कर दी गई है। इससे फर्जी बुकिंग और टिकट की समस्या पर अंकुश लगेगा।
खानपान और सामान ले जाने के नियमों में भी बदलाव किया गया है। अब यात्री बिना मील बुकिंग के भी ट्रेन में खाना खरीद सकते हैं। पहले कई बार केवल मील बुकिंग वाले यात्रियों को ही खाना मिलता था। साथ ही, लगेज लिमिट से अधिक सामान ले जाने पर छह गुना जुर्माना लगेगा, इसलिए यात्रियों को अपने सामान की मात्रा का विशेष ध्यान रखना होगा।
इन नए नियमों के कुछ फायदे और नुकसान हैं। फायदे की बात करें तो असली यात्रियों को टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी, दलालों और एजेंटों की धांधली पर रोक लगेगी, और बुकिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी। वहीं, नुकसान यह है कि एडवांस बुकिंग की अवधि कम होने से यात्रियों को प्लानिंग में दिक्कत हो सकती है, वेटिंग टिकट वालों को स्लीपर या एसी कोच में यात्रा नहीं मिलेगी, और टिकट की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
अगर आप रेल यात्रा करने वाले नियमित यात्री हैं, तो इन नए नियमों को ध्यान में रखकर ही टिकट बुक करें। साथ ही, इस जानकारी को अपने परिजनों और मित्रों तक भी पहुंचाएं, ताकि वे भी इन बदलावों से अवगत हो सकें। ये नियम 1 जुलाई 2025 से लागू होंगे, इसलिए समय रहते तैयारी कर लें।