7 जुलाई को सरकारी छुट्टी: मुहर्रम के मौके पर पूरे भारत में सार्वजनिक 2 दिन का अवकाश 7th july public holiday india

भारत सरकार ने 7 जुलाई 2024 को देशभर में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। यह अवकाश इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने मुहर्रम के 10वें दिन के अवसर पर दिया गया है, जिसे यौम-ए-आशूरा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को पूरे देश के मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है।

मुहर्रम इस्लाम धर्म में एक पवित्र महीना माना जाता है जिसमें विशेष रूप से 10वें दिन को हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की कर्बला के मैदान में शहादत को याद किया जाता है। यह दिन शिया मुसलमानों के लिए विशेष महत्व रखता है जो इस दिन को मातम और शोक के रूप में मनाते हैं। वहीं सुन्नी मुसलमान इस दिन उपवास रखकर इबादत करते हैं।

इस वर्ष चंद्र दर्शन के आधार पर मुहर्रम का यह पवित्र दिन 7 जुलाई को पड़ रहा है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, बैंक, शैक्षणिक संस्थान और सार्वजनिक उपक्रम बंद रहेंगे। निजी क्षेत्र के संस्थानों को भी इस दिन छुट्टी देने की सलाह दी गई है ताकि कर्मचारी इस पवित्र दिन को मना सकें।

हालांकि आपातकालीन सेवाएं जैसे अस्पताल, पुलिस विभाग, अग्निशमन सेवा और अन्य आवश्यक सेवाएं सामान्य रूप से कार्यरत रहेंगी। परिवहन सेवाएं भी सामान्य रूप से चलती रहेंगी, हालांकि कुछ क्षेत्रों में जुलूस और धार्मिक समारोहों के कारण यातायात में व्यवधान की संभावना बनी रहेगी।

देश के विभिन्न हिस्सों में मुहर्रम के अवसर पर विशेष धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शिया समुदाय के लोग ताजिये निकालते हैं और मातमी जुलूस आयोजित करते हैं। कई शहरों में इमामबाड़ों में विशेष मजलिसें आयोजित की जाती हैं जहां कर्बला की घटना को याद किया जाता है। सरकार ने इन धार्मिक आयोजनों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की है।

इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकारों ने सभी धर्मों के लोगों से सद्भाव और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने सभी नागरिकों से धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने और शांतिपूर्ण तरीके से इस दिन को मनाने का आग्रह किया है।

7 जुलाई को मुहर्रम के अवसर पर दिया गया यह सार्वजनिक अवकाश भारत की धर्मनिरपेक्ष परंपरा और सभी धर्मों के प्रति सम्मान की भावना को दर्शाता है। यह दिन देश की सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक है। सरकार की यह पहल सभी धर्मों के बीच सद्भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इस अवसर पर सभी नागरिकों से अपील की जाती है कि वे इस पवित्र दिन के महत्व को समझें और शांति व सौहार्द का माहौल बनाए रखें। सरकार द्वारा घोषित इस अवकाश का उद्देश्य न केवल धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करना है, बल्कि सामाजिक एकता को भी मजबूत करना है।

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